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25. ledna 2022 v 12:36
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Mario Aachen
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25. ledna 2022 v 10:34
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25. ledna 2022 v 08:51
Ram Sita Vivaah Story in Hindi
राजा जनक की पुत्री सीता जी थीं और अयोध्या के राजा दशरथ के घर भगवान राम का जन्म हुआ था. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सीता जी का जन्म धरती से हुआ था. एक बार सीता जी ने शिव जी का धनुष उठा लिया. यह देखकर राजा जनक आश्चर्यचकित रह गए क्योंकि शिवजी का धनुष परशुराम जी के अतिरिक्त कोई और नहीं उठा सकता था.
25. ledna 2022 v 08:42
इंदिरा ए
अश्विन मास (Ashwin Month) के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी (Indira Ekadashi) कहते हैं. पितृपक्ष में होने के कारण इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है. कहते हैं इंदिरा एकादशी का व्रत करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. बता दें कि एकादशी का दिन भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) जी को समर्पित होता है.
25. ledna 2022 v 08:41
Sant Tukaram Jayanti in Hindi
कहा जाता है वे एक वैश्य, अर्थात् बनिये के परिवार में पैदा हुए थे । उनके पिता बोल्होबा और माता का नाम कनकाई था ।
25. ledna 2022 v 08:41
संत तुका
पुणे जिले के अंतर्गत देहू नामक ग्राम में शके 1520; सन् 1598 में हुआ। इनकी जन्मतिथि के संबंध में विद्वानों में मतभेद है तथा सभी दृष्टियों से विचार करने पर शके 1520 में जन्म होना ही मान्य प्रतीत होता है। पूर्व के आठवें पुरुष विश्वंभर बाबा से इनके कुल में विट्ठल की उपासना बराबर चली आ रही थी।
25. ledna 2022 v 08:41
Kokila Vrat Katha in Hindi
शास्त्रों में बताया गया है की कोकिला व्रत पहली बार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति रूप में प्राप्त करने के लिए किया था. 2- पार्वती रूप में जन्म लेने से पहले पार्वती कोयल का जन्म लेकर पुरे दस हजार सालों तक नंदन वन में भटकती रही थी. 3- श्राप से मुक्ति पाने के बाद पार्वती ने कोयल की श्रद्धा पूर्वक पूजा की.
25. ledna 2022 v 08:40
कोकिला व
शास्त्रों में बताया गया है की कोकिला व्रत पहली बार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति रूप में प्राप्त करने के लिए किया था. 2- पार्वती रूप में जन्म लेने से पहले पार्वती कोयल का जन्म लेकर पुरे दस हजार सालों तक नंदन वन में भटकती रही थी. 3- श्राप से मुक्ति पाने के बाद पार्वती ने कोयल की श्रद्धा पूर्वक पूजा की.
25. ledna 2022 v 08:40
Why Gyan Panchami is Celebrated in Hindi
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को 'ज्ञान पंचमी' का पर्व मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इसी समय सबसे पहले भगवान महावीर के शास्त्रों के रूप में दर्शन हुए थे। तब तक श्रुति परम्परा का प्रयोग करने का ज्ञान दिया जाता था। इस परंपरा के अनुसार, भगवान महावीर ने केवल अपने मुख्य शिष्यों को उपदेश दिया था।
25. ledna 2022 v 08:40
ज्ञान पं
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को 'ज्ञान पंचमी' का पर्व मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इसी समय सबसे पहले भगवान महावीर के शास्त्रों के रूप में दर्शन हुए थे। तब तक श्रुति परम्परा का प्रयोग करने का ज्ञान दिया जाता था। इस परंपरा के अनुसार, भगवान महावीर ने केवल अपने मुख्य शिष्यों को उपदेश दिया था।
25. ledna 2022 v 08:39
Importance of Ashwin Amavasya in Hindi
इस दिन पेड़-पौधे लगाए जाते हैं। जिससे पितर संतुष्ट हो जाते हैं। इसलिए इसे पितृ मोक्ष अमावस्या भी कहते हैं। अश्विन महीने की अमावस्या को पितृ पूजा करने से पितर सालभर के लिए तृप्त हो जाते हैं।
25. ledna 2022 v 08:39
अश्विन अ
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पितृ विसर्जनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन, श्राद्ध पक्ष समाप्त होता है और पितृ लोक से आने वाले पूर्वज अपने लोक में लौट जाते हैं। इस दिन, ब्राह्मण भोजन से और दान आदि से संतुष्ट होते हैं, और जाते समय अपने बेटे, पोते और परिवार को आशीर्वाद देते हैं।
25. ledna 2022 v 08:39
What is Amla Navami in Hindi
Amla Navami 2021: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के नौंवे दिन आंवला नवमी पर्व मनाया जाता है. आंवला नवमी को अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है. ... बता दें कि इस दिन आवंला के वृक्ष की पूजा करते हुए स्वस्थ रहने की कामना की जाती है.
25. ledna 2022 v 08:38
आंवला नव
कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी मनाई जाती है. मान्यता के अनुसार इस दिन आंवले की पूजा करने से आरोग्यता और सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है. माना जाता है कि आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु और शिवजी वास करते हैं. इस बार आंवला नवमी शुक्रवार, 12 नवंबर यानी आज मनाई जा रही है
25. ledna 2022 v 08:38
What is Dhanvantari Jayanti in Hindi
धन्वंतरि जयंती जिसे धन्वंतरि त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली से दो दिन पहले मनाई जाती है. ये दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं. दिवाली अब बहुत ही समीप है.