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Na Zlíchově 27,Praha 5 (Hlubočepy)
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25. ledna 2022 v 08:41
संत तुका
पुणे जिले के अंतर्गत देहू नामक ग्राम में शके 1520; सन्‌ 1598 में हुआ। इनकी जन्मतिथि के संबंध में विद्वानों में मतभेद है तथा सभी दृष्टियों से विचार करने पर शके 1520 में जन्म होना ही मान्य प्रतीत होता है। पूर्व के आठवें पुरुष विश्वंभर बाबा से इनके कुल में विट्ठल की उपासना बराबर चली आ रही थी।
25. ledna 2022 v 08:41
Kokila Vrat Katha in Hindi
शास्त्रों में बताया गया है की कोकिला व्रत पहली बार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति रूप में प्राप्त करने के लिए किया था. 2- पार्वती रूप में जन्म लेने से पहले पार्वती कोयल का जन्म लेकर पुरे दस हजार सालों तक नंदन वन में भटकती रही थी. 3- श्राप से मुक्ति पाने के बाद पार्वती ने कोयल की श्रद्धा पूर्वक पूजा की.
25. ledna 2022 v 08:40
कोकिला व
शास्त्रों में बताया गया है की कोकिला व्रत पहली बार माता पार्वती ने भगवान भोलेनाथ को पति रूप में प्राप्त करने के लिए किया था. 2- पार्वती रूप में जन्म लेने से पहले पार्वती कोयल का जन्म लेकर पुरे दस हजार सालों तक नंदन वन में भटकती रही थी. 3- श्राप से मुक्ति पाने के बाद पार्वती ने कोयल की श्रद्धा पूर्वक पूजा की.
25. ledna 2022 v 08:40
Why Gyan Panchami is Celebrated in Hindi
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को 'ज्ञान पंचमी' का पर्व मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इसी समय सबसे पहले भगवान महावीर के शास्त्रों के रूप में दर्शन हुए थे। तब तक श्रुति परम्परा का प्रयोग करने का ज्ञान दिया जाता था। इस परंपरा के अनुसार, भगवान महावीर ने केवल अपने मुख्य शिष्यों को उपदेश दिया था।
25. ledna 2022 v 08:40
ज्ञान पं
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को 'ज्ञान पंचमी' का पर्व मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इसी समय सबसे पहले भगवान महावीर के शास्त्रों के रूप में दर्शन हुए थे। तब तक श्रुति परम्परा का प्रयोग करने का ज्ञान दिया जाता था। इस परंपरा के अनुसार, भगवान महावीर ने केवल अपने मुख्य शिष्यों को उपदेश दिया था।
25. ledna 2022 v 08:39
Importance of Ashwin Amavasya in Hindi
इस दिन पेड़-पौधे लगाए जाते हैं। जिससे पितर संतुष्ट हो जाते हैं। इसलिए इसे पितृ मोक्ष अमावस्या भी कहते हैं। अश्विन महीने की अमावस्या को पितृ पूजा करने से पितर सालभर के लिए तृप्त हो जाते हैं।
25. ledna 2022 v 08:39
अश्विन अ
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पितृ विसर्जनी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन, श्राद्ध पक्ष समाप्त होता है और पितृ लोक से आने वाले पूर्वज अपने लोक में लौट जाते हैं। इस दिन, ब्राह्मण भोजन से और दान आदि से संतुष्ट होते हैं, और जाते समय अपने बेटे, पोते और परिवार को आशीर्वाद देते हैं।
25. ledna 2022 v 08:39
What is Amla Navami in Hindi
Amla Navami 2021: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के नौंवे दिन आंवला नवमी पर्व मनाया जाता है. आंवला नवमी को अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है. ... बता दें कि इस दिन आवंला के वृक्ष की पूजा करते हुए स्वस्थ रहने की कामना की जाती है.
25. ledna 2022 v 08:38
आंवला नव
कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी मनाई जाती है. मान्यता के अनुसार इस दिन आंवले की पूजा करने से आरोग्यता और सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है. माना जाता है कि आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु और शिवजी वास करते हैं. इस बार आंवला नवमी शुक्रवार, 12 नवंबर यानी आज मनाई जा रही है
25. ledna 2022 v 08:38
What is Dhanvantari Jayanti in Hindi
धन्वंतरि जयंती जिसे धन्वंतरि त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली से दो दिन पहले मनाई जाती है. ये दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं. दिवाली अब बहुत ही समीप है.
25. ledna 2022 v 08:38
धन्वंतर&
धन्वंतरि जयंती जिसे धन्वंतरि त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है, दिवाली से दो दिन पहले मनाई जाती है. ये दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं. दिवाली अब बहुत ही समीप है. ... इन्हें भगवान विष्णु के एक अवतार के रूप में जाना जाता है
25. ledna 2022 v 08:37
What is Ashwin Purnima in Hindi
आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। इस व्रत को आश्विन पूर्णिमा, कोजगारी पूर्णिमा और कौमुदी व्रत नाम से भी जाना जाता है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। कहते हैं कि इस दिन मां महालक्ष्मी का जन्म हुआ।
25. ledna 2022 v 08:33
Why Tripurotsav Celebrated During Kartik Purnima i
कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने का शुभ संयोग भी बन रहा है, जानते है कार्तिक पूर्णिमा के बारें में- Kartik Purnima 2021: कार्तिक पूर्णिमा की तिथि आरंभ हो चुकी है. पंचांग के अनुसार पूर्णिमा की तिथि 18 नवंबर को अपरान्ह 12 बजकर 02 मिनट से आरंभ हो चुकी है.
25. ledna 2022 v 08:32
कार्तिक
यदि इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और विशाखा नक्षत्र पर सूर्य हो तो पद्मक योग का निर्माण होता है, जो कि बेहद दुर्लभ है. वहीं अगर इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चंद्रमा और बृहस्पति हो तो यह महापूर्णिमा कहलाती है. इस दिन संध्याकाल में त्रिपुरोत्सव करके दीपदान करने से पुनर्जन्म का कष्ट नहीं होता
25. ledna 2022 v 08:32
Why Annakoot Was Celebrated in Hindi
भगवान कृष्ण ने 7वें दिन गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा। इस दिन खुश रहना जरूरी : अन्नकूट पर्व मनाने से मनुष्य को लंबी आयु तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है।
25. ledna 2022 v 08:32
अन्नकूट
अन्नकूट/गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण के अवतार के बाद द्वापर युग से प्रारंभ हुई। यह ब्रजवासियों का मुख्य त्योहार है। इस दिन मंदिरों में विविध प्रकार की खाद्य सामग्रियों से भगवान को भोग लगाया जाता है। ... कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन भगवान के निमित्त भोग और नैवेद्य बनाया जाता है जिन्हें 'छप्पन भोग' कहते हैं।
25. ledna 2022 v 08:31
Importance of Vishwakarma Puja in Hindi
Vishwakarma Puja 2021: भगवान विश्वकर्मा की जयंती 17 सितंबर को मनाई जताई है. मान्यता है कि इस दिन विश्वकर्मा पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य और सुख-समृद्धि में कोई कमी नहीं रहती है. ... हिन्दू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का निर्माणकर्ता और शिल्पकार माना जाता है. इन्हें यंत्रों का देवता कहा जाता है.
25. ledna 2022 v 08:31
विश्वकर&
विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है. पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म (Birth) हुआ था. इसी वजह से इसे विश्वकर्मा जयंती (Vishwakarma Jayanti) भी कहा जाता है. विश्वकर्मा पूजा के दिन विशेष तौर पर औजारों, निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनों, दुकानों, कारखानों आदि की पूजा की जाती है
25. ledna 2022 v 08:29
Dev Uthani Ekadashi Vrat Katha in Hindi
देव उठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी की व्रत कथा (Dev Uthani Ekadashi or Pabodhini Ekadashi Vrat Katha) एक समय की बात है कि एक राजा था जिसके राज्य में प्रजा बहुत सुखी थी। उसके राज्य में एकादशी के दिन कोई भी अन्न नहीं बेचता था और न ही कोई अन्न खाता था। केवल सभी लोग केवल फलाहार किया करते थे।
25. ledna 2022 v 08:29
देव उठान
एक राजा के राज्य में सभी लोग एकादशी का व्रत रखते थे। प्रजा तथा नौकर-चाकरों से लेकर पशुओं तक को एकादशी के दिन अन्न नहीं दिया जाता था। उस व्यक्ति ने उस समय 'हां' कर ली, पर एकादशी के दिन जब उसे फलाहार का सामान दिया गया तो वह राजा के सामने जाकर गिड़गिड़ाने लगा- महाराज!
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