Svet-Stranek.cz
Na Zlíchově 27,Praha 5 (Hlubočepy)
Hospoda u Karla Hašlera

Právě tady:Na Zlíchově 27,Praha 5 (Hlubočepy)

Právě tady

přidejte Vaše názory, připomínky, nápady,přání,stížnosti...
jméno / nick
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161
otevřít smajllíky
odeslat
25. ledna 2022 v 08:28
Kaumudi Mahotsav in Hindi
कौमुदी महोत्सव प्राचीन भारत में मनाया जाने वाला एक उत्सव था। यह कौमुदी के दिन (अर्थात् कार्तिक मास की पूर्णिमा) मनाया जाता था। 'कौमुदीमहोत्सवम्' नाम का एक नाटक भी है जो विज्जिका अथवा विजयभट्टारिका अथवा विजयाम्बिका की रचना है जो कर्नाट की रानी थीं। ... नाटक पाटलिपुत्र के राजकुमार कल्याणवर्मन के जीवन पर आधारित है। .
25. ledna 2022 v 08:28
कौमुदी म
Kaumudi-Mahotsava is a Sanskrit play of uncertain date. It is known from a single manuscript discovered in the present-day Kerala state of India. Its style and language suggest that it was composed around the 3rd century.
25. ledna 2022 v 08:27
Story Behind Kartik Amavasya in Hindi
ब्रह्म पुराण में बताया है कार्तिक अमावस्या पर लक्ष्मीजी पृथ्वी पर आती हैं। पद्म पुराण का कहना है कि इस दिन दीपदान करने से अक्षय पुण्य मिलता है। स्कंदपुराण के मुताबिक कार्तिक महीने की अमावस्या को गीता पाठ और अन्न दान करना चाहिए। इसके साथ ही भगवान विष्णु को तुलसी भी चढ़ानी चाहिए।
25. ledna 2022 v 08:27
कार्तिक
स्कंद पुराण के अनुसार कार्तिक महीने में कुमार कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया था। भगवान नारायण ने कार्तिक महीने में धरती पर जल में निवास करने की बात देवताओं को बताई थी। इसलिए यह आज परम पवित्र माना जाता है। कार्तिक अमावस्या के दिन दीप दान, सभी तीर्थ स्थानों स्नान करने से अच्छा फल मिलता है।
25. ledna 2022 v 08:27
Beyond Bridges
25. ledna 2022 v 08:27
Bhagwan Kal Bhairav ki Pooja Vidhi in Hindi
इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान कर साफ वस्त्रों को धारण करना चाहिए. – इसके बाद भगवान भैरव की प्रतिमा के आगे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. – उन्हें काले तिल, उड़द अर्पित करना चाहिए. – मंत्रों का जाप करते हुए विधिवत पूजा करना चाहिए.
25. ledna 2022 v 08:26
भगवान का
इस दिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान कर साफ वस्त्रों को धारण करना चाहिए. – इसके बाद भगवान भैरव की प्रतिमा के आगे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. – उन्हें काले तिल, उड़द अर्पित करना चाहिए. – मंत्रों का जाप करते हुए विधिवत पूजा करना चाहिए.
25. ledna 2022 v 08:26
Why Panchami Pooja During Margashirsha Maas in Hin
आज 08 दिसंबर दिन बुधवार यानी मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। ... धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन श्री राम और माता सीता का विवाह संपन्न हुआ था। जिस कारण इस दिन को विवाह पंचमी के रूप में देश के विभिन्न हिस्सों में ये पर्व मनाया जाने लगा।
25. ledna 2022 v 08:26
मार्गशी&
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि श्री पंचमी का पर्व मनाया जाता है.
25. ledna 2022 v 08:25
Tulsi Janam Katha in Hindi
तुलसी (पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थी, जिसका नाम वृंदा था। राक्षस कुल में जन्मी यह बच्ची बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थी। जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में ही दानव राज जलंधर से संपन्न हुआ। ... वृंदा बड़ी ही पतिव्रता स्त्री थी, सदा अपने पति की सेवा किया करती थी।
25. ledna 2022 v 08:24
तुलसी जन
तुलसी (पौधा) पूर्व जन्म मे एक लड़की थी, जिसका नाम वृंदा था। राक्षस कुल में जन्मी यह बच्ची बचपन से ही भगवान विष्णु की भक्त थी। जब वह बड़ी हुई तो उनका विवाह राक्षस कुल में ही दानव राज जलंधर से संपन्न हुआ। राक्षस जलंधर समुद्र से उत्पन्न हुआ था।1
25. ledna 2022 v 08:24
Sheetla Sashti Vrat in Hindi
कोई माघ शुक्ल की षष्ठी को, कोई वैशाख कृष्ण पक्ष की अष्टमी, कोई चैत्र के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को तो कोई श्रावण मास की सप्तमी को शीतला माता का पूजना और व्रत रखता है।
25. ledna 2022 v 08:24
शीतला षष
माघ माह में शुक्ल शुक्ल पक्ष की षष्ठी(छठी) तिथि को शीतला षष्ठी व्रत किया जाता है । ... शीतला षष्ठी के दिन ठंडा भोजन किया जाता है। यह समय सर्द ऋतु के जाने का होता है, इस व्रत और पूजन करके माता शीतला से रोग-विकार से मुक्ति की कामना की जाती है। पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखने वाली स्त्रियों के लिए यह व्रत बहुत शुभ माना गया है।
25. ledna 2022 v 08:23
Bhagwan Krishna Ki Mritayu Kaise Hue
महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद जब युधिष्ठिर का राजतिलक हो रहा था, तब कौरवों की माता गांधारी ने महाभारत युद्ध के लिए श्री कृष्ण को दोषी ठहराते हुए श्राप दिया था कि जिस प्रकार कौरवों के वंश का नाश हुआ है, ठीक उसी प्रकार यदुवंश का विनाश होगा । इसी कारण से भगवान की मृत्यु हुआ और सम्पूर्ण यदुवंश का नाश हो गया था।
25. ledna 2022 v 08:23
भगवान कृ
भागवत पुराण के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण एक दिन एक पीपल के पेड़ के नीचे विश्राम कर रहे थे, तभी जरा नामक एक बहेलिए ने श्रीकृष्ण को हिरण समझकर दूर से उनपर तीर चला लिया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई
25. ledna 2022 v 08:23
Rang Panchami 2022 in Hindi
रंग पंचमी का त्यौहार चैत्र महीने की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. साल 2022 में रंग पंचमी का त्यौहार 22 मार्च 2022, दिन मंगलवार को मनाई जायेगी.
25. ledna 2022 v 08:22
रंग पंचम
nice festival
25. ledna 2022 v 08:22
Sheetla Sashti Vrat in Hindi
कोई माघ शुक्ल की षष्ठी को, कोई वैशाख कृष्ण पक्ष की अष्टमी, कोई चैत्र के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को तो कोई श्रावण मास की सप्तमी को शीतला माता का पूजना और व्रत रखता है।
25. ledna 2022 v 08:21
शीतला षष
माघ माह में शुक्ल शुक्ल पक्ष की षष्ठी(छठी) तिथि को शीतला षष्ठी व्रत किया जाता है । ... शीतला षष्ठी के दिन ठंडा भोजन किया जाता है। यह समय सर्द ऋतु के जाने का होता है, इस व्रत और पूजन करके माता शीतला से रोग-विकार से मुक्ति की कामना की जाती है। पुत्र प्राप्ति की इच्छा रखने वाली स्त्रियों के लिए यह व्रत बहुत शुभ माना गया है।
25. ledna 2022 v 08:21
Lord Krishna 16108 Wives Story in Hindi
ऐसा कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण की सिर्फ 8 पत्नियां थी जिनके नाम रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा था. पुराणों के अनुसार कृष्ण की 1 लाख 61 हजार 80 पुत्र इतना ही नहीं, उनकी सभी स्त्रियों के 10-10 पुत्र और एक-एक पुत्री भी उत्पन्न हुई.
<< na začátek | < předchozí   | ... 1872 | 1873 | 1874 | 1875 | 1876 | 1877 | 1878 | 1879 | ... |   další > | na konec >>